भारतीय ज्योतिष में जब एक राशि को बारह बराबर भागों में विभाजित किया जाता है, तो ऐसे प्रत्येक भाग में 30 डिग्री चाप का विस्तार होता है। इस तरह के विभाजन को संकेत या रासी कहा जाता है.
संख्या
सदनों की भारतीय प्रणाली
1
मेशा (21-मार्च से 20 अप्रैल )
2
वृषा (21-अप्रैल से 20-मई )
3
मिथुनम् (21-मई से 20 जून)
4
कटकम (21-जून से 20-जुलाई)
5
सिंबाम (21-जुलाई से 20-अगस्त)
6
कन्या (21-अगस्त से 20-सितंबर)
7
तुला (21-सितंबर से 20-अक्टूबर )
8
वृश्चिक (21-अक्टूबर से 20 नवंबर )
9
धनुराशि (21-नवंबर से 20-दिसंबर)
10
मकर राशि (21-दिसंबर से 20 जनवरी )
11
कुंभ राशि (21-जनवरी से 20 फरवरी)
12
मीन राशि (21-फरवरी 20 मार्च)
संख्या
मकानों
घर का भगवान
1
मेशा
कुजा (मंगल)
2
वृषा
सुकरा (शुक्र)
3
मिथुनम्
बुद्ध (बुध)
4
कटकम
चंद्र (चंद्रमा)
5
सिंबाम
सूर्य (सूर्य)
6
कन्या
बुद्ध (बुध)
7
तुला
सुकरा (शुक्र)
8
वृश्चिक
कुजा (मंगल)
9
धनुराशि
गुरु (बृहस्पति)
10
मकर राशि
सानी (शनि)
11
कुंभ राशि
सानी (शनि)
12
मीन राशि
गुरु (बृहस्पति)
संख्या
ग्रह
उच्च सदन
1
रवि (रवि)
मेशा
2
चंद्र (चंद्रमा)
वृषा
3
कुजा (मंगल)
मकर राशि
4
बुध (बुध)
कन्या
5
गुरु (बृहस्पति)
कटकम
6
शुक्रा (शुक्र)
मीन राशि
7
सानी (शनि)
तुला
संख्या
ग्रह
दुर्बल सदन
1
रवि (रवि)
तुला
2
चंद्र (चंद्रमा)
वृश्चिक
3
कुजा (मंगल)
कटकम
4
बुध (बुध)
मीन राशि
5
गुरु (बृहस्पति)
मकर राशि
6
शुक्रा (शुक्र)
कन्या
7
सानी (शनि)
मेशा
ग्रह
रूकने की अवधि
रवि
30 दिन
चांद
2 1/4 दिन
मंगल ग्रह
45 दिन
बुध
30 दिन
बृहस्पति
1 year
शुक्र
30 दिन
शनि ग्रह
2 वर्षों & 6 महीने
राहु
1 वर्षों & 6 महीने
केतु
1 वर्षों & 6 महीने
जंगम (चर)
निश्चित (सथिरा)
आम (द्विसभाव)
मेशा
वृषा
मिथुनम्
कटकम
सिंबाम
कन्या
तुला
वृश्चिक
धनुराशि
मकर राशि
कुंभ राशि
मीन राशि